कभी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह के दाहिने हाथ माने जाने वाले अमरसिंह पर पर भ्रष्टाचार के कई मामले भी चले। नवंबर 1996 में वे राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए। 2008 में मनमोहन सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने की बहस के दौरान भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में एक करोड़ रुपए के नोटों की गड्डियां संसद में दिखाई थीं।
2010 में अमरसिंह को समाजवादी से निष्कासित कर दिया गया था। 2016 में एक बार फिर उनकी पार्टी में वापसी हुई, लेकिन मुलायम की कमजोर स्थिति और आजम खान से विवादों के चलते एक बार फिर उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी।