G20 सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अरबों डॉलर एकत्र होने की उम्मीद
गुरुवार, 7 सितम्बर 2023 (19:51 IST)
G20 summit Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे का मुख्य बिंदु बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूती प्रदान करना होगा, जिसकी सफलता से गरीबी से लड़ने एवं जलवायु को बचाने के लिए अरबों डॉलर एकत्र होने की संभावना है।
गरीबी और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास बैंक बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। कोई देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हों या किसी आपदा का, ऐसे बैंक जरूरतमंद देशों को ऋण देने के लिए आगे आते हैं।
बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत बनाने की प्रक्रिया जी20 की 2106 कार्य योजना में शुरू की गई थी, जिसमें बैंकों को अपने ‘बोर्ड’ के माध्यम से बही-खातों को दुरुस्त बनाने के लिए कार्य करने का निर्देश दिया गया था ताकि जोखिम में वृद्धि या ‘क्रेडिट रेटिंग’ को नुकसान पहुंचाए बिना ऋण की मात्रा में वृद्धि की जा सके।
पांच साल बाद तत्कालीन जी20 अध्यक्ष इटली ने बहुपक्षीय विकास बैंकों की स्वतंत्र समीक्षा के लिए 'कैप्टिल एडीक्वेसी फ्रेमवर्क' की स्थापना कर सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। 'कैप्टिल एडीक्वेसी फ्रेमवर्क' के जरिए वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की बैंकों की क्षमता का आकलन किया जाता है।
भारत की अध्यक्षता में इस वर्ष अपनी पहली बैठक में जी20 के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने सीमा पार चुनौतियों के दायरे और जटिलताओं को देखते हुए बहुपक्षीय विकास बैंकों की आवश्यकता को मान्यता दी। इसके साथ ही उन्होंने निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके ऋण संसाधनों, ज्ञान समर्थन और मांग में वृद्धि को देखते हुए ऐसे बैंकों को विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने बहुपक्षीय विकास बैंकों से अपने दृष्टिकोण, प्रोत्साहन संरचनाओं, संचालन दृष्टिकोण और वित्तीय क्षमताओं को विकसित करने के लिए व्यापक प्रयास करने को कहा ताकि वे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में प्रगति की दिशा में तेजी लाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप ढेर सारी वैश्विक चुनौतियों को हल करने में अपना प्रभाव बढ़ा सकें।
जी20 की अध्यक्षता कर रहे भारत ने एक एजेंडा विकसित कर अगला तार्किक कदम उठाया, जिसके आधार पर बहुपक्षीय विकास बैंक लेन-देन कर सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को यह कार्य सौंपा गया है, जिसकी स्थापना 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए की गई है। (भाषा)
Edited by: Vrijendra singh Jhala