नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि नए प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के चुनाव के बाद भी पाकिस्तान में सेना का ही शासन है। उन्होंने खान का नाम लिए बिना कहा कि यह देखना अभी बाकी है कि क्या वे बदलाव ला पाएंगे? विदेश राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद भारत 'देखो और प्रतीक्षा करो' की नीति अपना रहा है।
पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद सीमा पर घुसपैठ की घटनाओं के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि क्या आपको बदलाव की उम्मीद थी? मुझे नहीं पता। आखिरकार सेना उस व्यक्ति का समर्थन कर रही है। सेना का अब भी शासन है इसलिए हम प्रतीक्षा करें और देखें कि चीजें कैसे चलती हैं। वह व्यक्ति सेना के नियंत्रण में रहता है या उसके नियंत्रण में नहीं रहता है। उन्होंने इमरान खान का नाम नहीं लिया।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ वार्ता तभी हो सकती है, जब इसके लिए माहौल अनुकूल हो। वे फिक्की द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन स्मार्ट सीमा प्रबंधन के उद्घाटन से इतर बोल रहे थे। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या भारत के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान की ओर से कोई प्रयास किए गए हैं? सिंह ने कहा कि भारत की नीति एकदम स्पष्ट है। बातचीत तब ही हो सकती है, जब माहौल अनुकूल हो।
सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर सीमा खोलने के प्रस्तावों की खबरों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत को रास्ता खोलने के संबंध में पाकिस्तान से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। सरकार (पाकिस्तान) की ओर से कुछ भी प्रस्ताव नहीं आया है। यह मुद्दा लंबे समय से चल रहा है। अगर कुछ भी आता है तो हम आपको इसकी जानकारी देंगे।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत की सीमा अनूठी है और इसलिए इसे और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक समाधान तैयार नहीं किया जा सकता है। मैदानी इलाकों से लेकर रेगिस्तान और पहाड़ों तथा अन्य इलाकों में सीमा पर एक तरह का समाधान लागू नहीं किया जा सकता है। सीमा सुरक्षा को अधिक मजबूत बनाने के लिए किसी भी समाधान को डिजाइन करते समय इलाके की विविधता को ध्यान में रखना होगा।