भोपाल। भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट को पीछे छोड़ते हुए अब तेजी से आगे बढ़ रही है। मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक सेहत का खाका प्रस्तुत किया। आर्थिक सर्वे में भारत की आर्थिक विकास दर के वित्त वर्ष 2023-24 में 6-6.8 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है। इसके साथ वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर में गिरावट रहने का अनुमान जताया गया है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में अर्थशास्त्री आदित्य मनियां जैन कहते है कि आर्थिक सर्वे से पूरे देश को एक नई आशा मिली है। आज संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में आशावाद की झलक है। इसके साथ विकास दर को लेकर जो अनुमान जताया गया है वह अर्थव्यवस्था की मजबूती को दिखाता है। आज दुनिया में वैश्विक मंदी की बात चल रही है तब विकास दर में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ है कि 2020 के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था को कम से कम तीन झटके लगे हैं। सामान्य तौर पर अतीत में वैश्विक आर्थिक झटके गंभीर थे, लेकिन समय के साथ समाप्त हो गए।
अर्थशास्त्री आदित्य मनियां कहते है कि जहां तक आर्थिक सर्वे की बात है तो उसमें हर सरकार अपनी उपलबब्धि गिनाती है और आज भी सरकार ने यहीं किया है। वह कहते है कि आर्थिक सर्वे इस बात का साफ इशारा है कि अर्थव्यवस्था कोरोना के असर से निकल चुकी है। वहीं सरकार ने आर्थिक सर्वे के जरिए बताया है कि उसने महंगाई को काबू में करने की हर कोशिश की है।
वहीं आदित्य मानियां कहते हैं कि जिंसों की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आ गई हैं, हालांकि गौर करने वाली बात यह भी है कि यह अब भी रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले के स्तर से ऊंची हैं। इसके साथ ही उच्च जिंस कीमतों के बीच मजबूत घरेलू मांग भारत के कुल आयात बिल को बढ़ाएगी। इसके साथ आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि आर्थिक तंगी के अलावा धीमी वैश्विक वृद्धि भी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से निकलने वाली वित्तीय संकट का कारण बन सकती है।
आर्थिक सर्वे से बजट से बड़ी उम्मीदें-आर्थिक सर्वे से संसद में बुधवार को पेश होने वाले बजट को लेकर काफी उम्मीदें बढ़ गई है। बजट में सरकार विकास के साथ-साथ रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस करते हुए कई बड़े एलान कर सकती है। इसके साथ बजट में सरकार 18 करोड़ छोटे किसानों के लिए कोई बड़ा एलान कर सकती है। वहीं बजट में सरकार टैक्सपेयर्स का भी विश्वास जीतने की कोशिश करती हुई दिखाई देगी। सरकार बजट में इनकम टैक्स की सीमा बढ़ा सकती है जिससे टैक्सपैयर्स की संख्या बढ़ जाएगी।