create more jobs: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने नई दिल्ली में मंगलवार को कहा कि सरकार के विभिन्न उपायों और बढ़ते निवेश से इस दशक में रोजगार (jobs) के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सदी के आखिरी दशक में अर्थव्यवस्था में पूंजी निर्माण में गिरावट और ऋण वृद्धि में नरमी देखी गई।
गैर-खाद्य कर्ज में वृद्धि अब 20 प्रतिशत के करीब : नागेश्वरन ने कहा कि उम्मीद है कि ये चीजें अब अतीत की बात होंगी। गैर-खाद्य कर्ज में वृद्धि अब 20 प्रतिशत के करीब है, कंपनियों और बैंकों के बही-खाते अच्छी स्थिति में है और नियुक्तियों में सुधार दिख रहा है। उन्होंने 2021-22 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कृषि में रोजगार में 15 लाख की गिरावट आई जबकि विनिर्माण और सेवाओं में 37 लाख नौकरियां बढ़ीं, वहीं निर्माण क्षेत्र में 19 लाख रोजगार सृजित हुए।
विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों में मजबूत सकल मूल्यवर्धन से संकेत मिला : उन्होंने कहा कि विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों में मजबूत सकल मूल्यवर्धन से जो संकेत मिलता है, उससे हमें उम्मीद है कि यह रुख भविष्य में भी जारी रहेगा। रोजगार सृजन के लिए सरकार की विभिन्न पहल का जिक्र करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि कौशल विकास, सरकार द्वारा ईपीएफओ मद में नियोक्ताओं के 12 प्रतिशत योगदान का प्रावधान, नई शिक्षा नीति और मानव विकास में महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने औद्योगिक और विनिर्माण विकास को सुविधाजनक बनाने और उन क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने तथा बैंकों और गैर-बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों की सेहत को बहाल करने के लिए भौतिक बुनियादी ढांचे में निवेश किया है। नागेश्वरन ने सुधार के क्षेत्रों के बारे में कहा कि विनियामक और कर नीति कार्यान्वयन व्यवस्थाओं को सरल, कम बोझिल तथा और सुगम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार बंद करना अब भी आसान नहीं है।(भाषा)