राज्यपाल ने कहा, मैंने कुछ सवाल उठाए हैं और मुझे इन सवालों के जवाब चाहिए। इसके बाद मैं अपने विवेक का इस्तेमाल करुंगा। अध्यादेश पर अपने रुख पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा, मैंने कभी हस्ताक्षर करने से मना नहीं किया, लेकिन मुझे ऐसे मामलों में स्पष्टता चाहिए। मुझे इस विषय की गहन जानकारी के लिए और वक्त की आवश्यकता है।