राज्यपाल कोश्यारी ने उद्धव को लिखे पत्र में कहा कि विगत तीन महीनों में मुझसे पूजा स्थलों को खोलने की मांग को लेकर कई प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात की है। इनमें राजनेता और एनजीओ भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और बीच लोगों के लिए खोल दिए हैं, वहीं पूजा स्थलों को अभी भी खुलने का इंतजार है।
उन्होंने उद्धव को याद दिलाया कि आपने 1 जून को अपने संबोधन में 'मिशन बिगेन अगेन' अर्थात पुनश्च हरिओम की बात कही थी। राज्यपाल ने पत्र में कहा कि आप हिन्दुत्व के प्रबल पक्षधर रहे हैं। भगवान राम के प्रति श्रद्धा की बात भी आप सार्वजनिक रूप से करते हैं। आप अयोध्या और पंढरपुर में विट्ठल-रुक्मणि में पूजा कर चुके हैं।
राज्यपाल ने अपने खत में इस बात पर आश्चर्य जताया कि उद्धव अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं, जिस शब्द से वे कभी घृणा करते थे। कोश्यारी ने कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली में भी 8 दिसंबर से धार्मिक स्थलों को खोला जा चुका है। अन्य राज्यों में पूजा स्थल खोल दिए गए हैं। अत: महाराष्ट्र में भी फिर से पूजा स्थल खोले जाने चाहिए।