उन्होंने कहा कि शुरुआत में सभी वस्तुओं पर जीएसटी से पूर्व लग रहे करों के आधार पर जीएसटी दर तय की गई थी। कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनको 28 फीसदी के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए था, लेकिन पहले उस पर अधिक कर लगाए जाने की वजह से ऐसा हो गया था। छोटे स्तर पर बनाए जाने वाले भी कुछ उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा था, लेकिन पहले उत्पाद शुल्क में छूट मिलने की वजह उन पर प्रभावी कर दर कम हो जाया करती थी।