पत्रकारों ने जोति से जब बार-बार यह सवाल पूछा कि आयोग ने हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात के चुनाव की घोषणा क्यों नहीं की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बड़ी योजनाओं की घोषणा करने का मौका क्यों दिया तो ज्योति ने कहा कि गुजरात के सात जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जिसमें 229 लोगों की मौत हो गई थी।
यह कहे जाने पर कि गुजरात के राहत आयुक्त ने तो आयोग को इस संबंध में कोई पत्र नहीं लिखा था और न ही उसने समय देने का कोई अनुरोध किया था तो फिर आयोग ने राज्य सरकार को समय क्यों दिया, जोति ने कहा कि हम गुजरात के मुख्य सचिव की बात को आधिकारिक वक्तव्य मानते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि राहत कार्यों के जारी रहने से नगर निगम, पंचायत और जिला प्रशासन के अधिकारी इस कार्य में व्यस्त थे इसलिए गुजरात का चुनाव पहले नहीं कराया जा सकता था। आयोग को चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों की ही जरूरत पड़ती है। (वार्ता)