पुरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि विनिवेश की प्रक्रिया से गुजर रही एयर इंडिया पर 2016-17 में 48447 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो कि 2017-18 में बढ़कर 55308 करोड़ रुपए और 2018-19 में 58255 करोड़ रुपए हो गया।
उन्होंने बताया कि कर्ज में बढ़ोतरी की मुख्य वजह ऊंची ब्याज दर, सस्ती विमानन सेवा के कारण बढ़ी प्रतिस्पर्धा, रुपए की कीमत में गिरावट के कारण मुद्रा विनिमय पर प्रतिकूल प्रभाव सहित विभिन्न कारणों से होने वाली हानि है।