भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और भिंड की अटेर सीट से कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे की मुश्किलें फिर बढ़ती हुई दिख रही है। कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के खिलाफ 2018 में मीडिया यूनिवर्सिटी की छात्रा से रेप के मामले की नए सिरे से जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराने के निर्देश देते हुए भोपाल रेंज के डीआईजी की निगरानी में जांच कराने के आदेश दिए हैं।
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे की बचाव में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आगे आए है। विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे लेकिन जो भी जांच हो वह राजनीति से प्रेरित न होकर निष्पक्ष तरीके से हो। वहीं कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?- कांग्रेस विधायक हेमंत काटरे के खिलाफ साल 2018 में भोपाल में पत्रकारिता यूनिववर्सिटी में पढाई करने वाली छात्रा ने अपहरण औऱ रेप का मामला दर्ज करया था। छात्रा की शिकायत पर भोपाल के महिला थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं हेमंत कटारे छात्रा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और करोड़ों की फिरौती मांगने का आरोप लगाते हुए क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई थी। हलांकि बाद में कटारे पर आरोप लगाने वाली छात्रा अपने बयान से पलट गई थी और उसने आरोप लगाया था कि राजनीति विरोधियों के कहने पर उसने हेमंत कटारे के खिलाफ रेप की झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश मध्य प्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने पूरे मामले की जांच नए सिरे से कराने के साथ कोर्ट की अगली सुनवाई तक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है,लेकिन ये राहत उन्हें तभी मिलेगी, जब वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।