Delhi Chalo से पहले पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, मची भगदड़, सीमाएं सील, farmers protest से क्यों डरी सरकार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 12 फ़रवरी 2024 (20:10 IST)
Delhi Chalo farmers protest : देशभर के 200 किसान संगठन 13 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच करने वाले हैं। मांगों को लेकर वे 'दिल्ली चलो' मार्च निकाल रहे हैं। इससे पहले हरियाणा पुलिस ने आंसू गोले गिराने का परीक्षण किया। पंजाब के KMSC  (किसान मजदूर संघर्ष कमेटी) के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि 'कल सुबह 200 किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करेंगे। 
 
अधूरे रह गए आंदोलन को पूरा करने के लिए वे दिल्ली कूच करेंगे। फिलहाल 9 राज्यों के किसान संगठन संपर्क में हैं। पुडुचेरी, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब, ये सभी राज्य आंदोलन के लिए तैयार हैं।
 
हरियाणा पुलिस की मॉक ड्रिल : शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने मॉक ड्रिल की, जहां पंजाब की तरफ आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस की कार्रवाई से लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि पुलिस ने लोगों को पहले से ही चेतावनी दी थी। इससे ये कहा जा सकता है कि पुलिस किसानों के इस कूच रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
 
5000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी : किसान संगठनों द्वारा आहूत 'दिल्ली चलो मार्च' के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 12 मार्च तक 30 दिन के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से लगी सीमा पर 5,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
 
केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत : फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं को 'दिल्ली चलो' मार्च से रोकने के वास्ते केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम ने सोमवार शाम यहां उनके साथ बातचीत शुरू कर दी।
 
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित केंद्रीय मंत्री यहां सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर सहित अन्य लोग यहां जारी बैठक में शामिल हैं।
 
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 200 से अधिक कृषि संगठन मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे। केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच आठ फरवरी को पहली बैठक में विस्तृत चर्चा हुई थी।
अवरोधकों से दुकानदार नाराज : किसानों के मंगलवार को प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के पास पांच-स्तरीय अवरोधक लगाए जाने से दुकानदार नाराज हैं। कृष्ण कुमार पूछते हैं कि क्या उन्हें फिर से उसी तरह अपनी दुकानें बंद करनी पड़ेंगी, जिस तरह तीन साल पहले किसानों के आंदोलन के दौरान करनी पड़ी थीं?
 
राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के विरोध मार्च से पहले कुमार जैसे स्थानीय लोगों और दुकानदारों को आर्थिक नुकसान व अन्य परेशानियों का डर सताने लगा है। किराने की दुकान चलाने वाले कुमार (35) कहते हैं, “आंदोलन के दौरान हमें भारी नुकसान उठाना पड़ा था।”
 
कुमार ने बताया कि आस-पास के क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश मजदूर हमारे दैनिक ग्राहक और आमदनी का इकलौता जरिया हैं। किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस श्रमिकों को मुख्य सड़क का उपयोग करने से रोकती है और हमारे पास ग्राहक आने बंद हो जाते हैं।”
 
एक अन्य दुकानदार सैय्यम ने कहा कि पिछले किसान आंदोलन के दौरान उन्हें अपनी दुकान पर जाने में काफी परेशानी होती थी।
 
उन्होंने कहा, “मेरी किराने की दुकान टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन भारी सुरक्षा बल की तैनाती के कारण, मुझे अपनी दुकान तक पहुंचने के लिए दूसरा रास्ता लेकर लगभग दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।”
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से 13 फरवरी को मार्च निकालने का आह्वान किया है।
 
मध्यप्रदेश में किसान नेता गिरफ्‍तार : ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने मध्य प्रदेश में किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किये जाने की निंदा की तथा इसे 16 फरवरी के ग्रामीण भारत बंद व औद्योगिक हड़ताल को नाकाम करने की कोशिश बताया।
 
कायरतापूर्ण कार्रवाई : एआईकेएस ने एक बयान में कहा कि ऑल इंडिया किसान सभा अपने (किसान सभा के), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमंस एसोसिएशन, भूमि अधिकार आंदोलन किसान संघर्ष समिति, बीकेयू (टिकैत), एनएपीएम और मध्य प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य घटक संघों के नेताओं की कायर भाजपा सरकार द्वारा गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है।

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