मौसम अपडेट : देश के इन राज्यों में हो सकती है भारी बारिश
शनिवार, 28 सितम्बर 2019 (23:45 IST)
पुणे। पश्चिम बंगाल के पर्वतीय इलाके, सिक्किम, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्र, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश, पश्चिम मध्यप्रदेश और गुजरात के अधिकतर स्थानों पर पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार सौराष्ट्र और कच्छ एवं उत्तर-पूर्व अरब सागर में उनके आसपास के क्षेत्रों में मानसून प्रचंड है। भरूच, सूरत, साबरकांठा और सौराष्ट्र-कच्छ के जामनगर, राजकोट, अमरेली और कच्छ जैसे जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। मध्यप्रदेश और गुजरात और अधिक वर्षा की संभावना है।
इसके साथ ही ओडिशा, पश्चिम उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, कोंकण और गोवा में कई स्थानों पर तथा अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम राजस्थान, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ स्थानों पर, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, तटीय और उत्तर आंतरिक कर्नाटक, केरल और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई या फिर गरज के साथ छींटें पड़े। लक्षद्वीप में मौसम शुष्क रहा।
हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर तथा असम, मेघालय, ओडिशा, बिहार, पूर्व उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, मध्यप्रदेश, सौराष्ट्र, कच्छ, रायलसीमा, तटीय आंध्रप्रदेश, यनम, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, कराईकल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों में कल 8.30 बजे से शनिवार सुबह 8.30 बजे तक आंधी और तेज हवा चली।
उत्तराखंड में मानसून सक्रिय : दक्षिण-पश्चिम मानसून झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात में अतिसक्रिय रहा जबकि पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, ओडिशा, पश्चिम उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में मानसून सक्रिय रहा। केरल में मानसून कमजोर पड़ रहा है।
अगले 24 घंटे के दौरान बिहार और गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर तेज से बहुत तेज बारिश और अतिवृष्टि हो सकती है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी मध्यप्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तेज से बहुत तेज बारिश होने के आसार हैं। असम, मेघालय, ओडिशा, पश्चिम उत्तरप्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर तेज वर्षा हो सकती है।
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर गरज के बारिश होने का अनुमान है।
तटीय गुजरात और उत्तर-पूर्व में अरब सागर, बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी और समीपवर्ती हिन्द महासागर और कोमोरिन क्षेत्र में मौसम के प्रतिकूल रहने के आसार हैं इसलिए मछुआरों को अगले 24 घंटों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
लगातार सिस्टम से मप्र में बारिश : बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक के बाद एक सिस्टम बनते रहने से मानसून के सक्रिय रहने की वजह से मध्यप्रदेश में पूरे सितंबर माह में बारिश हो रही है। प्रदेश में दोनों ओर से आ रही नमी तथा धूप खिलने पर लोकल सिस्टम भी बन जाने के कारण इस साल वर्षा की गतिविधियों में इजाफा भी कायम है।
मौसम विज्ञान भोपाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि इसी के साथ मध्यप्रदेश के उत्तरी एवं दक्षिणी क्षेत्र पर 4.5 किमी ऊपर चक्रवाती घेरा बना हुआ है तथा 3.1 किमी ऊपर से द्रोणिका (मानसून ट्रफ लाइन) गुजर रही है। इन सारी स्थितियों के फलस्वरूप प्रदेश में वर्षा जारी है। मध्यप्रदेश के अधिकांश स्थानों पर वर्षा जारी रहने से कई नदियों में उफान कायम है और विभिन्न जलाशयों के गेट भी बार-बार खेलकर अतिरिक्त पानी की निकासी करनी पड़ रही है।
गांधीसागर बांध के गेट खोले : गांधीसागर बांध के आज शनिवार को 6 गेट खोलकर 1 लाख 13 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है जबकि 96 हजार 604 क्यूसेक पानी की आवक बांध में हो रही है। प्रदेश में आज कई स्थानों पर बारिश हुई है जिनमें मंडला में 46 मिमी, छिंदवाडा, उज्जैन एवं खजुराहो में 21, श्योपुर 20, मलाजखंड 18, रीवा 16, बैतूल 10 तथा कई अन्य स्थानों पर वर्षा हुई है।
पिछले 24 घंटों में भी छिंदवाड़ा में 130 मिमी, सिवनी 85.4, सीधी 83.6, अजयगढ़ एवं देपालपुर 80, सिंगरोली एवं बुधनी 70, खंडवा 52 तथा भोपाल में 18.6 मिमी वर्षा हुई। राजधानी भोपाल में आज रुक-रुककर कहीं हल्की वर्षा तो कहीं बूंदाबांदी होती रही। इस दौरान यहां 3.2 मिमी वर्षा दर्ज हुई। यहां 1 जून से अब तक कुल 1750.8 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 668.9 मिमी ज्यादा है।
सरवटे ने बताया कि फिलहाल 2-3 दिन तक तो प्रदेश में मौसम का हाल लगभग ऐसा ही बना रह सकता है। बाद में कुछ विराम भी आ सकता है बशर्ते कोई और नया सिस्टम न बने।
भारी वर्षा होने की आशंका : मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान अनूपपुर, अशोकनगर, गुना, छतरपुर, पन्ना, बैतूल, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरोली, रायसेन और सीहोर जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की भी आशंका जताई है। भोपाल में भी गरज-चमक के साथ बारिश की बौछारें पड़ने की संभावना है।
उत्तरी गुजरात में भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान : भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को इस सप्ताहांत उत्तरी गुजरात और राज्य के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के विभिन्न भागों में भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटे में भारी वर्षा हुई है।
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार सौराष्ट्र और कच्छ एवं उत्तर-पूर्व अरब सागर में उनके आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण का जो क्षेत्र बना है, उसके अगले 48 घंटों में और मजबूत होने की संभावना है। विभाग ने कहा कि गुजरात के दक्षिण क्षेत्र और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में मानसून प्रचंड है। भरूच, सूरत, साबरकांठा और सौराष्ट्र-कच्छ के जामनगर, राजकोट, अमरेली और कच्छ जैसे जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।
राज्य में इस मौसम में औसत वार्षिक वर्षा 131.56 फीसदी वर्षा हुई। दक्षिण गुजरात में सर्वाधिक 142.05 फीसदी, सौराष्ट्र में 132.86 फीसदी, पूर्व मध्य गुजरात में 122.69 फीसदी और उत्तरी गुजरात में 100.71 वर्षा हुई है।
बिहार में कई स्थानों पर 200 मिमी से अधिक बारिश : बिहार में 12 स्थानों पर शुक्रवार की सुबह 8 .30 बजे से शनिवार सुबह 8.30 बजे तक 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बारिश से उत्पन्न स्थिति की जानकारी प्राप्त की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने पूर्वानुमान जताया कि बिहार के अधिकतर इलाकों में अगले 48 घंटे तक मध्यम से भारी बारिश होगी और स्थिति 3 अक्टूबर के बाद सामान्य होगी। राजधानी के सरदार पटेल भवन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शनिवार को आयोजित एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
भारतीय मौसम विज्ञान के पटना स्थित कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह 8.30 बजे से शनिवार सुबह 8.30 बजे तक वैशाली जिला के जन्दाहा में 230.2 मिलीमीटर, नवादा जिला के रजौली में 222.4 मिलीमीटर, समस्तीपुर जिला के रोसडा में 175.0 मिलीमीटर, गया जिला के टेकारी में 170.2 मिलीमीटर, वैशाली जिले के गोरौल में 158.2 मिलीमीटर, भागलपुर शहर में 134.3 मिलीमीटर, सुपौल जिला के बसुवा में 132.4 मिलीमीटर, पटना जिला के श्रीपालपुर में 123.2 मिलीमीटर, भागलपुर जिला के बिहपुर में 115.4 मिलीमीटर, नवादा जिला के हिसुआ में 110.0 मिलीमीटर, बेगूसराय जिले के खोदावनपुर में 106.4 मिलीमीटर और भागलपुर जिला के सबौर में 102.2 वर्षा रिकॉर्ड की गई।
इस अवधि के दौरान पटना शहर में 98.0 मिलीमीटर, बक्सर शहर में 92.6 मिलीमीटर, जहानाबाद जिला के मखदूमपुर में 91.2 मिलीमीटर और मुजफ्फरपुर जिला के सरैया में 90.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया में शनिवार सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक क्रमश: 60.1 मिलीमीटर, 63.6 मिलीमीटर, 24.1 मिलीमीटर और 25.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
भारतीय मौसम विज्ञान के प्रतिनिधि ने अगले 48 घंटे के पूर्वानुमान में बताया कि मध्य बिहार, पूर्वी बिहार, उत्तर-पूर्वी बिहार एवं दक्षिण-पूर्वी बिहार में वर्षा की स्थिति बनी रहेगी। उसके बाद स्थिति में सुधार होगा और 3 अक्टूबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
बैठक में मौजूद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने भी मुख्यमंत्री को पूरी स्थिति से अवगत कराया और आपदा प्रबंधन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को 15 अक्टूबर तक विशेष सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए।
बिहार में भारी बारिश के कारण आम जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के साथ प्रदेश की राजधानी पटना में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। पटना शहर स्थित उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निजी मकान, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और राजद विधायक एजिया यादव के आवास तथा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित शहर के कई अन्य इलाके जलमग्न हो गए हैं।