भारतीय वायुसेना का बाहुबली हेलीकॉप्टर Apache और फाइटर जेट लद्दाख के आसमान में

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 19 जून 2020 (17:36 IST)
नई दिल्ली। सोमवार की रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई मुठभेड़ में कर्नल संतोष कुमार बाबू समेत 20 भारतीय जवानों की मौत के बाद शुक्रवार को लेह, लद्दाख के आसमान में भारतीय वायुसेना की गतिविधियां तेज हो गई हैं। आसमान में दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Apache helicopter) और फाइटर जेट उड़ान भर रहे हैं।
 
लेह, लद्दाख में भारतीय वायुसेना की गतिविधियां तेज होने से चीन में खलबली मच गई है क्योंकि बाहुबली अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर (AH-64 Apache) दुनिया का सबसे लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है। अपाचे के साथ फाइटर जेट भी लगातार उड़ान भर रहे हैं। 
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 3 सितम्बर को ही भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की संहारक क्षमता और घातक हो गई थी क्योंकि उसके बेड़े में दुनिया का सबसे घातक हेलिकॉप्टर शामिल हो गया। वायुसेना में अमेरिका में बनाए गए 8 अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर (AH-64 Apache) शामिल किए गए थे।
 
‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। अमेरिकी सेना इनका इस्तेमाल करती है। भारतीय वायुसेना ने 22 ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितंबर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।
ये हैं 8 अपाचे एएच-64ई की खूबियां-
- दुनिया का सबसे घातक हेलीकॉप्टर अपाचे
- अमेरिकी सेना करती है बाहुबली अपाचे का इस्तेमाल
- भारत अपाचे को इस्तेमाल करने वाला 14वां देश है
- अपाचे किसी भी मौसम में कर सकता है हमला
- ऊंचे पहाड़ों व दुर्गम स्थल पर आतंकी कैंपों को कर सकता है तबाह
- 2 टर्बो सॉफ्ट इंजन, 4 शक्तिशाली पंख
- अपाचे में 16 एंटी टैंक मिसाइल
 
- अपाचे की रफ्तार 279 किलोमीटर प्रति घंटा
- 500 किलोमीटर तक की फ्लाइंग रेंज
- लेजर सिस्टम और नाइट विजन से लैस
- अपाचे को रडार भी नहीं पकड़ सकता
- 128 टारगेट एकसाथ भेदने में अपाचे सक्षम
- 4.5 किलोमीटर की दूरी से साध सकता है निशाना
- 30 एमएम गन और 1200 गोलियों से लैस है अपाचे
- पठानकोट एयरबेस पर तैनात, पाकिस्तान और चीन पर नजर

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