Excise Policy Scam : अरविंद केजरीवाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, ED ने भी रखा अपना पक्ष

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (20:22 IST)
High Court reserved its decision on Arvind Kejriwal's petition : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। ईडी की ओर से दलील दी गई कि याचिका में याचिकाकर्ता के खिलाफ पारित पहले हिरासत आदेश पर हमला किया गया है, न कि बाद के आदेशों पर।
ALSO READ: अरविंद केजरीवाल के समर्थन में पत्नी सुनीता का WhatsApp अभियान, लोगों से की यह अपील...
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने दोनों पक्षों (आम आदमी पार्टी (AAP) नेता केजरीवाल और ईडी) की ओर से पेश दलीलें सुनने के बाद कहा, मैं फैसला सुरक्षित रख रही हूं। इक्कीस मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अपनी गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एवं समान अवसर मुहैया कराए जाने सहित संविधान की बुनियादी संरचना का उल्लंघन है।
ALSO READ: Arvind Kejriwal Case : अरविंद केजरीवाल क्या जेल में रहते हुए भी सरकार चला सकते हैं, क्या कहता है कानून
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दलीलें रखीं। केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया धनशोधन का अपराध बनता है और वर्तमान में याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच प्रारंभिक चरण में है।
एएसजी ने ईडी के खिलाफ लगाए गए पूर्वाग्रह के आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनका मामला सबूतों पर आधारित है और अपराधियों को गिरफ्तार किया ही जाना चाहिए और जेल भेजना चाहिए। ईडी की ओर से यह भी दलील दी गई कि याचिका में याचिकाकर्ता के खिलाफ पारित पहले हिरासत आदेश पर हमला किया गया है, न कि बाद के आदेशों पर। अदालत ने केजरीवाल को पहली बार 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
ALSO READ: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP नेता करेंगे देशव्यापी अनशन
ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था क्योंकि उच्च न्यायालय ने उन्हें ईडी की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने से इनकार कर दिया था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है और बाद में उस नीति को रद्द कर दिया गया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी