मथुरा। राधारानी के न्यौते पर होली खेलने बरसाना पहुंचे नन्दगांव के हुरियारों पर एक बार फिर ऐसी लाठियां बरसीं कि बस, उन्हें कान पकड़कर हुरियारिनों से माफी मांगनी पड़ी और वे उन्हें अपने यहां (नन्दगांव में) आने का न्योता देकर ही पिंड छुड़ा पाए। मौका था बरसाना में फाल्गुन शुक्ल नवमी के दिन सदियों से चली आ रही पारंपरिक लठमार होली खेलने का।
बीती शाम बरसाना में लट्ठमार होली के बाद आज नन्दगांव के हुरियार जब दोपहर बाद बरसाना के प्रिया कुण्ड पहुंचे तो बरसाना के हुरियारों ने उनका जोरदार स्वागत किया। नंदगांव के हुरियारों की यह टोली 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित लाड़ली जी के मंदिर पहुंची और राधारानी से होली खेलने के अनुमति लेकर गाते-बजाते हुए रंगीली गली की ओर बढ़ चली। इससे पूर्व सभी ने मंदिर में समाज गायन में भाग लिया।
दूसरी ओर, बरसाना की हुरियारिनें भी टोलियां बनाकर अपने-अपने घर से निकल रंगीली गली, फूल गली, सुदामा चौक, कटारा हवेली, भूमिया गली आदि की ओर बढ़ चलीं। जहां नन्दगांव के हुरियारों से पहले ही आसपास के गांवों के सभी समाजों के लोग बम्ब (बड़े आकार के नगाड़े) व ढोल आदि लेकर जमे हुए थे और विभिन्न प्रकार होली के रसिया गा रहे थे।
पांच बजे से पहले दोनों पक्षों में गीतों के सहारे चुहलबाजी होती रही और जब बात ज्यादा आगे बढ़ी तो हुरियारिनें पहले से की गई अपनी तैयारी के अनुसार उन पर लट्ठ बरसाने लगीं, जिनकी मार से बचने के लिए हुरियारों ने भी साथ लाई हुई ढालों का सहारा लिया।