उन्होंने पुलिस स्मृति दिवस पर यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा, पिछले एक साल में, एक सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक, 188 पुलिसकर्मियों ने देश में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि देश की सेवा करने वाले सभी कर्मियों में से पुलिसकर्मियों का काम सबसे कठिन होता है- चाहे दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्योहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मियों को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने का मौका नहीं मिलता है।
आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि पुलिस स्मारक केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण के प्रति पुलिसकर्मियों के बलिदान और समर्पण को स्वीकार करना है।
इक्कीस अक्टूबर 1959 को, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में हथियारों से लैस चीन के सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के दौरान ड्यूटी पर तैनात 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। तब से हर साल 21 अक्टूबर को इन शहीदों और ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले अन्य सभी पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।(भाषा)