नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि रेस्तरां खानपान के बिल में सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकते हैं, लेकिन उपभोक्ता चाहें तो अपनी तरफ से टिप दे सकते हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, रेस्तरां किसी बिल में अलग से सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकते हैं। अगर आपको लगता है कि कर्मचारियों को कुछ अधिक लाभ देने हैं तो आप उसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सकते हैं। आप चाहें तो खानपान उत्पादों की दरें बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को उपभोक्ताओं से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि रेस्तरां बिल में अलग से सेवा शुल्क भी लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, आप दरें बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन अगर कोई छिपी हुई लागत है तो लोगों को असली कीमत कैसे पता चलेगी। हालांकि मंत्री ने कहा कि लोग रेस्तरां की सेवाओं से खुश होकर टिप देते रहे हैं और आगे भी वे ऐसा करना जारी रख सकते हैं।
गुरुवार को रेस्तरां एवं उपभोक्ता संगठनों के साथ बैठक के बाद उपभोक्ता सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा था कि खानपान के बिल में सेवा शुल्क को जोड़ देना पूरी तरह अनुचित बर्ताव है। इसे रोकने के लिए सरकार एक कानूनी ढांचा लेकर आएगी। इसकी वजह यह है कि वर्ष 2017 के दिशानिर्देश कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं।(भाषा)