बचाव अभियान के अपने अनुभव को साझा करते हुए हसन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के 12 मजदूरों को इकट्ठा किया तथा उन्हें बारी-बारी से 4 से 5 घंटे काम काम करने का निर्देश दिया गया। दल को एक मिनट का भी विराम लिए बिना चौबीसों घंटे काम करने का निर्देश दिया गया था। हम भी डरे हुए थे कि अगर अभियान के दौरान हमारे ऊपर मिट्टी ढह गई तो हम भी नहीं बचेंगे।
हसन ने कहा कि हमने सुना कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 50 हजार रुपये का इनाम देंगे। हमें प्रधानमंत्री की ओर से अब तक ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है लेकिन हमारी ओर से, हम उनसे मिलना चाहेंगे।
बचाव अभियान में शामिल एक अन्य 'रैट होल माइनिंग' विशेषज्ञ मुन्ना कुरैशी ने कहा, 'बचाव अभियान के लिए हमें उत्तराखंड बुलाया गया और हमें खुशी है कि हमने काम को पूरा किया। यह देश के प्रति मेरी सेवा भावना है और मुझे इस काम में बिलकुल भी डर नहीं लगा।' (भाषा)