गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के नतीजे आ रहे हैं। गुजरात में जहां भाजपा सरकार बनाती हुई नजर आ रही है, तो हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हो रही है। इसी बीच गुजरात में आम आदमी पार्टी अब तक 6 सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए हैं।
इसके पहले कि परिणाम पूरी तरह से घोषित हो, आम आदमी पार्टी के दिल्ली कार्यालय पर एक बोर्ड टांग कर यह घोषणा कर दी है कि AAP के राष्ट्रीय पार्टी बनने पर सभी देशवासियों को बधाई।
बता दें कि हाल ही में दिल्ली एमसीडी के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है। जिसके बाद आम आदमी पार्टी पूरे जोश में है।
इधर गुजरात विधानसभा में शुरुआती रुझानों पर नजर डालें तो यहां आम आदमी पार्टी को चुनाव में लगभग 14% वोट मिलते दिख रहे हैं, जबकि वह कम से कम 5 से 6 सीटों पर आगे भी चल रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनने के कयास लगाए जा रहे हैं।
वहीं, पंजाब और देश की राजधानी दिल्ली में पहले से ही आम आदमी की सरकार है। इससे पहले गोवा में उसे 2 सीटें मिली थीं। यहां उसका वोट प्रतिशत 6.8 रहा था। जबकि हिमाचल प्रदेश में उसे किसी भी सीट पर बढ़त अभी तक नहीं मिली है। इस मौके पर यह जानना चाहिए कि आखिर कैसे किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।
राष्ट्रीय पार्टी (National Political) का दर्जा कैसे मिलता है?
किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा निर्वाचन आयोग की तरफ से दिया जाता है। हालांकि इसके लिए अलग अलग नियम होते हैं। निर्वाचन आयोग की जो शर्तें होती हैं, उन्हें पूरा करना जरूरी होता है। क्या है राष्ट्रीय दर्जा मिलने के नियम इन 3 शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा करने वाले दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
कोई भी दल जिसे चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त है, उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है।
राष्ट्रीय दर्जे के लिए दल के लिए तीन अलग- अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतना जरूरी है। यानी कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है। हालांकि यह 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर 3 अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए।
यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।