पाक सेना के इन्हीं इरादों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने एलओसी पर स्थित अपनी कई सीमा चौकियों पर कमांडो तैनात किए हैं। यह तैनाती उन सूचनाओं के बाद की गई है, जिनमें कहा गया है कि पाक सेना एलओसी पर बैट के जरिए कमांडो कार्रवाइयों को अंजाम देना चाहती है। इसके साथ-साथ वह सीजफायर के उल्लंघन को भी बढ़ाते हुए घुसपैठ को तेज कर चुकी है।
वैसे एलओसी पर बॉर्डर रेडर्स के हमले कोई नए नहीं हैं। इन हमलों के पीछे का मकसद हमेशा ही भातीय सीमा चौकियों पर कब्जा जमाना रहा है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश कोई नई नहीं है। करगिल युद्ध की समाप्ति के बाद हार से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बॉर्डर रेडर्स टीम का गठन कर एलओसी पर ऐसी बीसियों कमांडों कार्रवाइयां करके भारतीय सेना को क्षति पहुंचाने की कोशिश की है।
पिछले 24 सालों में कितनी बार पाक सेना के बॉर्डर रेडर्स ने भारतीय सीमा चौकियों पर हमले किए, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है। बैट के हमले ज्यादातर एलओसी के इलाकों में ही हुए थे। इंटरनेशनल बार्डर पर पाक सेना ऐसी हिम्मत नहीं दिखा पाई थी। जबकि राजौरी और पुंछ के इलाके ही बार्डर रेडर्स के हमलों से सबसे अधिक त्रस्त इसलिए भी रहे थे क्योंकि एलओसी से सटे इन दोनों जिलों में कई फारवर्ड पोस्टों तक पहुंच पाना दिन के उजाले में संभव इसलिए नहीं होता था क्योंकि पाक सेना की बंदूकें आग बरसाती रहती थीं।