Hindi Diwas Programme case : बेंगलुरु में हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के विरोध में एक पांच सितारा होटल में जबरन घुसने और हंगामा करने के आरोप में एक कन्नड़ समर्थक संगठन के 41 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद कर्नाटक रक्षण वेदिके (केआरवी) ने शनिवार से राज्य के सभी 31 जिलों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसमें मांग की गई है कि उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले वापस लिए जाएं और उन्हें रिहा किया जाए। होटल में हुई बैठक में कुछ सांसदों सहित राजभाषा समिति के सदस्य कर्नाटक में केंद्र सरकार के अधिकारियों को उनके विभागीय कामकाज में हिंदी के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय की राजभाषा समिति ने होटल में एक हिंदी प्रचार सभा आयोजित की थी, जिसमें छह संसद सदस्यों ने भाग लिया था, तभी बृहस्पतिवार को कन्नड़ समर्थक संगठन के सदस्य होटल में घुस आए। कार्यक्रम के खिलाफ नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह बैठक गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का प्रयास है।
पुलिस के एक बयान के अनुसार, संसदीय राजभाषा समिति ने 23 से 25 सितंबर तक यहां रेसकोर्स रोड स्थित होटल में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके अंतिम दिन कार्यक्रम सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुआ। बैठक के अंतिम दिन सत्र सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ।
इसमें कहा गया है, सुबह लगभग 10:45 से 11 बजे के बीच एक संगठन के लगभग 30 से 40 सदस्य बैठक के एजेंडे के विरोध में अवैध रूप से आयोजन स्थल में घुस आए और उन्होंने उपस्थित सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डाली तथा हंगामा किया। इससे कार्यक्रम में अस्थाई रूप से व्यवधान उत्पन्न हुआ।
पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और स्थिति को नियंत्रण में किया। परिणामस्वरूप, होटल में कार्यक्रम कुछ देर के लिए बाधित हुआ, लेकिन पुलिस के समय पर हस्तक्षेप के कारण यह पूरा हुआ। बयान में कहा गया है, हाई ग्राउंड्स पुलिस थाने में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई। कुल 41 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर प्रथम एसीजेएम अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
केआरवी के प्रदेश अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा ने कहा कि उन्होंने पुलिस और राज्य सरकार द्वारा केआरवी कार्यकर्ताओं पर लगाए गए झूठे मामलों के खिलाफ शनिवार से राज्य के सभी 31 जिलों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह 'हिंदी थोपने' से पीछे हटे और जोर देकर कहा कि केआरवी कर्नाटक में हिंदी थोपने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने आगे कहा, कर्नाटक में कन्नड़ भाषा सर्वोच्च है। गौड़ा ने दावा किया कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाली राजभाषा समिति अन्य राज्यों पर हिंदी थोप रही है और हिंदी का प्रसार कर रही है।
होटल में हुई बैठक में कुछ सांसदों सहित राजभाषा समिति के सदस्य कर्नाटक में केंद्र सरकार के अधिकारियों को उनके विभागीय कामकाज में हिंदी के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 41 कार्यकर्ताओं में 13 महिलाएं हैं जिनमें से कुछ के छोटे बच्चे हैं। उन्होंने कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों पर निशाना साधा। (इनपुट एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour