मणिपुर रवाना कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं। हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं।
RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि मणिपुर और यहां के लोगों का दर्द समझना प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी है। वे अलग-अलग राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हम मणिपुर जाएंगे और लोगों की समस्याएं समझेंगे। हमें उम्मीद है कि सरकार इसे सकारात्मक तरीके से लेगी और हम मदद करने जा रहे हैं, ना कि उनकी समस्याएं बढ़ाने के लिए।
उन्होंने कहा कि पिछले 86 दिनों से मणिपुर में हिंसा और बलात्कार हो रहे हैं। सरकार से लूटे हुए हथियार घर-घर, गली-गली पाए जा रहे हैं, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया गया है। इंडिया के 20 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों, राहत शिविरों में जाएगा और फिर राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखेगा।
प्रतिनिधिमंडल में ये दिग्गज शामिल : प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलोदेवी नेताम, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, डीएमके की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल है। शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल।
Edited by : Nrapendra Gupta