Fourth meeting of India Alliance : विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के घटक दलों के प्रमुख नेताओं ने मंगलवार को यह फैसला किया कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए जनवरी, 2024 के दूसरे सप्ताह तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा तथा चुनाव में जीत के बाद यह फैसला होगा कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का संयोजक बनाने और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की पैरवी की जिसका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया। हालांकि खरगे ने इस प्रस्ताव को तत्काल ठुकरा दिया और कहा कि इस पर फैसला चुनाव में जीत के बाद ही होगा।
बैठक में शामिल कुल 28 दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर बातचीत राज्यों के स्तर पर होगी तथा जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत होगी, वही सीटों के तालमेल के मामले में अगुवाई करेगी।
अनेक नेता हुए शामिल : राष्ट्रीय राजधानी के अशोक होटल में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जनता दल (यू) से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी, राष्ट्रीय जनता दल से पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार तथा शिवसेना (यूबीटी) से उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे बैठक में शामिल थे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव, द्रमुक से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और वरिष्ठ नेता टी.आर. बालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, अपना दल (के) से कृष्णा पटेल एवं पल्लवी पटेल और कई अन्य नेताओं ने बैठक में भाग लिया।
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा कि आज 'इंडिया' गठबंधन की चौथी बैठक हुई। इस बैठक में 28 दलों के नेता शामिल हुए और उन्होंने अपने विचार रखे। सभी ने एकजुट होकर गठबंधन को मजबूत करने और लोगों के हित से जुड़े मुद्दों को उठाने पर बात की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी ने मिलकर 8 से 10 सभाएं करने का फैसला भी किया है, ताकि लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके। खरगे ने कहा कि पहले प्रदेश स्तर पर सीटों के तालमेल पर बात होगी और अगर कोई मुद्दा आया, तो राष्ट्रीय स्तर पर बात होगी।
प्रधानमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर खरगे ने कहा कि पहले जीत के आना है, इसके बाद इस बारे में बात होगी। उन्होंने कहा कि हमें पहले जीत के आना है। जीत के लिए क्या करना है, उसके बारे में हम सोचें। कौन प्रधानमंत्री बनेगा, यह बाद की बात है। अगर सांसद नहीं होंगे, तो प्रधानमंत्री की बात करके क्या फायदा है? हम मिलकर जीतने और बहुमत हासिल करने की कोशिश करेंगे...पहले हमें जीतने की चिंता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बात का 'घमंड' हो गया है कि अब उनके सिवाय कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा से सदस्यों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शन होगा।
सूत्रों का कहना है कि 'इंडिया' गठबंधन के घटक दलों ने तय किया कि जनवरी के दूसरे सप्ताह तक सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 31 दिसंबर तक सीटों के तालमेल का काम पूरा करने की पैरवी की, हालांकि कई नेताओं ने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है तथा ऐसे में जनवरी के दूसरे सप्ताह तक सीटों के तालमेल को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी।
वीसीके सांसद थोल तिरुमावलवन ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि राज्यों में सबसे मजबूत पार्टी सीट बंटवारे की अगुवाई करेगी तथा कई नेताओं ने इस विचार का समर्थन किया। एमडीएमके के नेता वायको और वीसीके सांसद थोल तिरुमावलवन ने कहा कि ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि खरगे इस गठबंधन के संयोजक और प्रधानमंत्री पद का चेहरा हों, लेकिन खुद खरगे ने इस बात को खारिज कर दिया और कहा कि चुनाव के बाद इस पर फैसला होगा।
माकपा महासचिव सीताराम एचुरी समेत कई नेताओं ने राम मंदिर के विषय का उल्लेख किया और कहा कि भाजपा राम के नाम पर राजनीति कर रही है तथा ऐसे में इस बारे में जनता से संवाद करना होगा। (भाषा)