कानपुर। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. राजीव सिन्हा ने दावा किया कि उत्तराखंड के जोशीमठ को दोबारा बसाना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह इलाका लैंड स्लाइड जोन में बसा है, ऐसे में यह बड़ी तबाही की वजह बन सकता है। उन्होंने जोशीमठ और उसके आसपास के इलाकों को तुरंत खाली कराने की सलाह दी।
प्रो. सिन्हा के अनुसार, लैंड स्लाइडिंग जोन में स्थित जोशीमठ में पत्थर कमजोर हो गए हैं। अधिकतर घर व होटल इसके मलबे पर खड़े हैं। पहाड़ अपलिफ्ट हो रहे हैं, जिससे मलबा खिसक रहा है। बिना भूकंप, बाढ़ या बारिश के ही जमीन धंस रही है। ऐसे में बारिश या भूकंप आता है तो स्थिति भयावह हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से 723 भवनों में दरारें आ गई है। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 131 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। 53 प्रभावित परिवारों को 5,000 रुपए प्रति परिवार की दर से घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गई है तथा 10 तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के प्रभावितों को प्रति भवन 1.30 लाख की दर से धनराशि वितरित की गई।
इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाद्यान्न किट एवं कंबल वितरित किए गए हैं। कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कंबल एवं 570 लीटर दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है तथा कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।