IMA wrote a letter to NTF regarding violence : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) को पत्र लिखकर डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर एक केंद्रीय कानून बनाने और अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। एनटीएफ को स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है।
हाल ही में कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार एवं हत्या की घटना के बाद उच्चतम न्यायालय ने एनटीएफ का गठन किया था। केंद्रीय अधिनियम की मांग को उचित ठहराते हुए आईएमए ने अपने पत्र में कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन दोनों के लिहाज से अलग-अलग होती हैं।
उसने कहा, एकमात्र निवारक रणनीति जो सभी स्तरों पर तथा सभी राज्यों में लागू की जा सकती है, वह है केन्द्रीय कानून में निवारक उपाय। ऐसे कानून के अभाव में पुलिस द्वारा आधे-अधूरे मन से कार्रवाई की जाती है तथा घटनाओं की जांच और अभियोजन भी कम होता है।
आईएमए ने तर्क देते हुए कहा कि रोकथाम का सबसे अच्छा तरीका निवारण है। अन्य उपायों के विपरीत, एक मजबूत केंद्रीय कानून सभी क्षेत्रों में हिंसा को रोकेगा, खासकर छोटे और मध्यम क्षेत्रों में। यह राज्य विधानों के लिए एक सक्षम अधिनियम के रूप में काम करेगा। अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की अपनी मांग के समर्थन में आईएमए ने कहा कि प्रस्तावित कानून में सुरक्षित क्षेत्रों की अवधारणा को भी शामिल किया जा सकता है।
इसमें कहा गया, सुरक्षित क्षेत्र घोषित होने से अस्पतालों को सुरक्षा संबंधी अधिकार प्राप्त होते हैं। हालांकि इन सुरक्षा अधिकारों को रोगी के अनुकूल स्वभाव और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। इसके अलावा पत्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की कार्य और जीवन स्थितियों में सुधार की मांग की। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour