नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) नंदीग्राम में उन्हें 'बाहरी' बताने वालों पर मंगलवार को जमकर बरसीं और कहा कि ऐसे लोगों के लिए 'गुजरात से आए लोग' स्थानीय हैं। इस विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले बूथ स्तर के तृणमूल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि जिन लोगों ने 'गुजरात से आए बाहरी लोगों' को अपनी जमीर बेच दी है, वे सांप्रदायिकता का सहारा लेकर नंदीग्राम को बदनाम कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख इस चर्चित सीट पर अपने पूर्व विश्वस्त शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं। अधिकारी कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। ममता ने अधिकारी का एक बार भी नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने (ममता ने) सिंगूर या नंदीग्राम में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का अपना मन बना लिया था। गौरतलब है कि ये दोनों ही स्थान भूमि अधिग्रहण के खिलाफ राज्य में हुए आंदोलन का मुख्य केंद्र रहे थे और इस आंदोलन ने ममता को 2011 में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया था।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने लोगों की जबर्दस्त मांग को लेकर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि कुछ लोग मुझे नंदीग्राम में बाहरी कह रहे हैं। मैं हैरान हो गई। मैं पड़ोसी बीरभूम जिले में जन्मी और पली-बढ़ी हूं। आज मैं बाहरी हो गई और जो गुजरात से आए हैं, वे बंगाल में स्थानीय हो गए? अधिकारी अक्सर खुद को भूमिपुत्र बताते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर पलटवार करते रहे हैं।
दरअसल, ममता भाजपा पर बाहरी होने का आरोप लगाती रही हैं। ममता ने अधिकारी पर सांप्रद्रायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने बाहरी लोगों को अपनी जमीर बेच दी, वे सांप्रद्रायिकता का सहारा लेकर नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग 70:30 अनुपात (हिन्दू-मुस्लिम आबादी) की बात कर रहे हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे दोनों समुदायों के लोगों को आपस में लड़ाकर नंदीग्राम के पवित्र आंदोलन के बदनाम कर रहे हैं। नंदीग्राम के लोग मतदान के दिन 1 अप्रैल को भाजपा को 'अप्रैल फूल' बनाएंगे। (भाषा)