उन्होंने कहा कि इस तरह के सीमा उल्लंघन के मामलों से निपटने के लिए एक व्यवस्थित तंत्र मौजूद है तथा भारत और चीन के बीच वास्तविक सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ है जिसके कारण मतभेद खड़े होते रहे हैं एवं कई बार सीमा का उल्लंघन हो जाता है तथा चीनी सेना द्वारा सीमा के उल्लंघन के मामलों में कमी आई है।