मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में जापान की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। हिन्दुस्तान में हर कोई अनुभव करता है कि भारत और जापान नेचुरल पार्टनर हैं। मोदी-मोदी के नारों के बीच पीएम ने कहा कि भारतीयों के संस्कार समावेशक हैं। भारत के प्रति आपकी श्रद्धा कम नहीं हुई है। आपका स्नेह बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय कभी भी अपनी जड़ों से दूर नहीं होते।
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को उद्धृत करते हुए मोदी ने कहा कि जापान प्राचीन भी है और आधुनिक भी है। जापान कमल के फूल की तरह, जो जितनी मजबूती से अपनी जड़ों से जुड़ा होता है, उतनी ही भव्यता ऊपर भी दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जापान से हमारा रिश्ता अध्यात्म है, आत्मीयता का है, अपनत्व का है, जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, ज्ञान का है। भारत और जापान का रिश्ता विश्व के लिए साझे संकल्प का है।
उन्होंने कहा कि मैं काशी का सांसद हूं। मैं बड़े गर्व से कहना चाहूंगा जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे जब काशी आए थे तो उन्होंने बढ़िया सौगात काशी को दी थी। जापान के सहयोग से ही काशी रुद्राक्ष बना था। उन्होंने कहा कि भारतीय चुनौतियों से घबराते नहीं। वे चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं। भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प में जुटा है। कोरोना काल में हमने 100 से ज्यादा देशों में वैक्सीन भेजी थी। भारत की ताकत को अब वैश्विक पहचान मिली है।