Galwan lake: अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का खुलासा, ‘जनरल झाओ के इशारे पर हुआ भारत पर हमला’
मंगलवार, 23 जून 2020 (13:09 IST)
'हमले के जरिए भारत को सबक सीखाना चाहते थे जनरल झाओ' ‘झाओ पहले भी भारत के साथ हुए गतिरोध पर अपनी नजर रखते रहे हैं’ ‘धमकी भी दी थी कि भारत, अमेरिका के सामने चीन को कमजोर नहीं दिखना चाहिए’
भारत और चीन के बीच हालात तनावपूर्ण हैं, इसी बीच गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
दरअसल, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट (US Intelligence Report) में गलवान घाटी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के वरिष्ठ जनरल ने अपने सैनिकों को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश दिया था। यानी चीन के इस बड़े अफसर के आदेश पर ही वह हमला हुआ है। हमले में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।
अमेरिकी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन के पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रमुख जनरल झाओ जोंगकी ने गलवान घाटी हमले को मंजूरी दी थी। जनरल झाओ उन वरिष्ठ अफसरों में शामिल हैं जो पीएलए में अभी भी सेवा दे रहे हैं। झाओ ने इससे पहले चेतावनी देकर कहा था कि भारत, अमेरिका और उसके सहयोगियों के सामने चीन को कमजोर नहीं दिखना चाहिए।
झाओ पहले भी भारत के साथ हुए गतिरोध पर अपनी नजर रखते रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि झाओ भारतीय सैनिकों पर हमले के जरिए 'भारत को सबक सीखाना चाहते थे।' अमेरिका की यह खुफिया रिपोर्ट चीन के उस दावे के उलट है जो वह पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों पर हमला किया था।
रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए। दरअसल, चीन चाहता था कि इस कार्रवाई के जरिए भारत पर दबाव बनाया जाए ताकि वार्ता की मेज पर भारतीय पक्ष को दबाया जा सके।
अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की योजना इसलिए भी फेल रही कि भारत अब अमेरिका के पाले में जाता दिख रहा है। अमेरिका लंबे समय से ही भारत पर हुवावे को 5जी का ठेका नहीं देने के लिए दबाव डाल रहा था। इस हमले के बाद अब भारत में लोग बड़ी संख्या में चीनी एप टिक टॉक को हटा रहे हैं। यानी 'चीन जो चाहता था, उसके ठीक उल्टा हुआ। यह चीनी सेना के लिए जीत नहीं है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस खूनी चीनी हमले के फैसले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किस हद तक शामिल थे, इसके बारे में अभी स्पष्ट नहीं है। उधर, चीनी सेना के विशेषज्ञों का कहना है कि शी जिनपिंग को निश्चित रूप से हमले के आदेशों के बारे में जानकारी होगी।
अमेरिका का मानना है कि जनरल झाओ ने इस हमले में मारे गए चीनी सैनिकों की याद में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया था। हालांकि इस बारे में चीनी मीडिया में कुछ भी जानकारी जानबूझकर नहीं दी गई। यही नहीं चीन के सोशल मीडिया वेबसाइटों पर भी इस हार के बारे में काफी आलोचना की गई जिसे बाद में सेंसर कर दिया गया।