उन्होंने कहा कि प्रासंगिक बने रहने के उद्देश्य से उद्योग व कारोबार जगत के लिए कोविड-19 के बाद की दुनिया में चुनौतियों से निपटना और उभरते प्रचलनों तथा अवसरों के मुताबिक आगे बढ़ना बहुत महत्वपूर्ण होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भारत अपने आपको फायदे की स्थिति में पाता है, क्योंकि उसके पास एक बहुत बड़े कुशल कार्यबल के साथ जनसांख्यिकीय क्षमता भी मौजूद है।
देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रहा है जिसमें विश्व कल्याण और पूर्ण एकीकरण की भावना समाहित है। युवाओं की मेधा और उनके इरादों से पिछले कुछ सालों में देश में तेज गति से बदलाव हुए हैं।उन्होंने कहा कि व्यापक कदमों और एकीकृत दृष्टिकोण से उद्यम और नवाचार को एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र मिला है और इसने देश की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पंख दिए हैं। मोदी के मुताबिक टीआइई जैसे सम्मेलनों से युवा देश की उद्यमशील ऊर्जा को मजबूती मिलती है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग जगत के नेताओं, निवेशकों, नीति-निर्धारकों और हितधारकों का यह सम्मेलन नवाचार, सहयोग और उद्यमिता का रोडमैप तैयार करेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन मंगलवार की शाम को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू करेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के उद्योग व सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव और आंध्रप्रदेश के विपक्ष के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। (भाषा)