दरअसल, एक सर्वेक्षण के मुताबिक 2023 में लगातार दूसरे साल बढ़ती मुद्रास्फीति वेतन वृद्धि का आकर्षण घटाने के लिए तैयार है। इसमें वैश्विक स्तर पर केवल 37 फीसदी देशों में वास्तविक वेतन वृद्धि होने की उम्मीद है।
वर्कफोर्स कंसल्टेंसी ईसीए इंटरनेशनल के मुताबिक महंगाई के असर को घटाकर वास्तविक वेतनवृद्धि के मामले में भारत सबसे आगे हो सकता है, जहां इस साल 4.6 फीसदी वेतन बढ़ने का अनुमान है। वहीं दूसरी तरफ रिपोर्ट की मानें तो यूरोप में वास्तविक वेतन माइनस 1.5 फीसदी रह सकता है। जहां भारत के लिए अच्छी खबर है तो वहीं, यूरोप के लिए यह बुरी खबर साबित हो सकती है।
एशिया के लिए ईसीए इंटरनेशनल के क्षेत्रीय निदेशक, ली क्वान के मुताबिक, हमारा सर्वेक्षण 2023 में वैश्विक स्तर पर श्रमिकों के लिए एक और कठिन वर्ष का संकेत देता है। सर्वेक्षण किए गए देशों में से केवल एक तिहाई में वास्तविक वेतन वृद्धि देखने का अनुमान है, हालांकि यह 22 से बेहतर है। % जो अनुभव इस वर्ष बढ़ता है। ईसीए के अनुसार, 2022 में औसत वेतन 3.8% गिर गया। ईसीए का वेतन रुझान सर्वेक्षण 68 देशों और शहरों में 360 से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों से एकत्रित जानकारी पर आधारित है।
एशियाई देशों ने शीर्ष 10 देशों में से आठ में वास्तविक वेतन वृद्धि दिखने का अनुमान है। इसमें भारत में वास्तविक वेतनवद्धि 4.6 रह सकती है, जो एशिया के साथ दुनिया में भी सबसे अधिक हो सकती है। इसके अलावा वियतनाम में यह चार फीसदी और चीन में 3.8 फीसदी की वास्तविक वेदनवृद्धि देखने को मिल सकती है।
Edited By Navin Rangiyal