जम्मू। सैनिक सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने अपने आपको पूरी तरह से भारत के साथ युद्ध लड़ने की स्थिति में ला खड़ा करना आरंभ किया है। ऐसा वे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाक सेना ने अपनी सिर्फ रिजर्व सेना को पीछे रक्षात्मक स्थिति में छोड़कर अपनी सभी कोरों को भारत से सटी सीमा पर कूच करने के निर्देश दिए हैं। इनमें वे कोरें, रेजिमेंट तथा आक्रामक फोर्स भी हैं, जो 1965 व 1971 के युद्धों में हिस्सा ले चुकी हैं और उन्हें भारत के भीतर तक घुसकर तबाही मचाने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। पाकिस्तान की इन तैयारियों के जवाब में भारत की ओर से भी पूरी तैयारी है।
खबरों के मुताबिक फायर एंड फ्यूरी कोर’ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल वाई के जोशी ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेशियर (हिमनद) में स्थित अग्रिम स्थलों का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति एवं अभियान चलाने की तैयारियों को देखा।
ऐसा भी नहीं है कि पाकिस्तान ने जिन हजारों फौजियों को जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर तैनात करना आरंभ किया है, उन्हें एक ही दिन या रात में तैनात करने का टाइम मिला बल्कि पुलवामा हमले के तुंरत बाद भारत के तेवरों को भांपकर उसने यह कार्रवाई प्रारंभ की थी।
अब सैनिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जिस प्रकार जेहलम-चिनाब गलियारे में सेना का जमावड़ा किया है, वह पूरी तरह से युद्ध की तैयारियों के संकेत हैं। यह वही गलियारा है जहां से पाकिस्तान ने 1965 में ऑपरेशन जिब्रालटर को आंरभ करते हुए भारत पर हमला कर दिया था।
पहले इस गलियारे में पाक सेना की मंगला स्थित खैरियां बेस की प्रथम कोर की हमलावर टुकड़ियां अगर अखनूर सेक्टर में चिकन नेक के पास अपने टैंक डिवीजनों के साथ आगे आने लगी हैं, जिनमें 8 पैदल सैनिक डिवीजन तथा 31 कोर की 19 स्वतंत्र बख्तरबंद ब्रिगेड भी शामिल है। पहाड़पुर से लेकर रणवीर सिंह पुरा तक के क्षेत्र के सामने गुज्जरांवालां की 30वीं कोर की 14वीं स्वतंत्र बख्तरबंद ब्रिगेड तथा 14वें पैदल सैनिक डिवीजन ने सामने के सियालकोट के क्षेत्र में डेरा जमाने लगे हैं।
यह हलचल यहीं नही थमी है। एलओसी के क्षेत्रों में भी 10वीं कोर तथा उत्तरी क्षेत्र सैनिक कमांड डिवीजन हिलौरे मार रहा है। इनके साथ तोपखाना बैटरियां हैं तो इंटरनेशनल बॉर्डर पर टैंक ब्रिगेड। चिंताजनक बात इनमें यह कही जा सकती है कि जिस चिकन नेक तथा छम्ब क्षेत्रों में भारतीय पक्ष मात खाता आया है वहां यूक्रेन निर्मित टी-80यूडी टैंकों का जमावड़ा होने लगा है।
अब इन सैनिकों की सहातार्थ जिस प्रकार पाकिस्तान ने अपनी 19 (1) बख्तरबंद टैंक ब्रिगेड तथा पूरी 30वीं कोर को अग्रिम मोर्चे की ओर कूच करने का आदेश दिया है वह भी युद्ध की तैयारी के रूप में गिनी जा सकती है क्योंकि इन दोनों ब्रिगेडों तथा कोरों का इस्तेमाल पाकिस्तान पहले लड़े गए दो युद्धों में कर चुका है। अनुमानतः एक कोर में 45 हजार के करीब जवान होते हैं।
यही नहीं, उसने चिनाब-जेहलम गलियारे में 30वीं कोर (गुज्जरांवाला) तथा 4थी (ओखारा) कोर के कुल 12 ब्रिगेडों को भी तैनात होने का हुक्म सुनाया है जो आक्रामक फौजों के रूप में गिनी जाती हैं। इसी के साथ ही पाकिस्तान ने उड़ी में अतिरिक्त सैनिकों के रूप में अपनी 10वीं (रावलपिंडी) कोर की दो डिवीजनों को रवाना किया है तथा राजस्थान की सीमा पर 5वीं (कराची) कोर के पांच ब्रिगेडों को।
पाकिस्तान की इन तैयारियों के जवाब में भारत की ओर से भी पूरी तैयारी है। हालांकि उत्तरी कमांड मे तैनात हजारों सैनिकों को आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगाया गया है, जिन्हें अब वहां से हटाकर सीमा पर तैनात करने की कवायद आरंभ हो चुकी है।
इसके साथ ही सीमाओं पर बोफोर्स बैटरियों, टैंक रेजीमेंटों को तैनात किया जाने लगा है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना की ओर से ठीक वैसी ही जवाबी तैयारी की जा रही है, जिस प्रकार का माहौल और वातावरण पाक सेना ने सीमाओं पर बनाया है। नतीजतन सीमा पर युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं जो कब बरस पड़ेंगें, कुछ कहा नहीं जा सकता।