rajouri encounter : गोलियां धंसने के बाद भी डटी रही इंडियन आर्मी की जांबाज डॉग केंट, जवान को बचाने के लिए दे दी जान
गुरुवार, 14 सितम्बर 2023 (13:56 IST)
rajouri encounter : आमतौर पर कुछ लोग श्वान को आवारा मानकर उनसे डरते हैं। लेकिन श्वान इंसानों के न सिर्फ अच्छे दोस्त होते हैं, बल्कि भारतीय सेना में भी उनकी बेहद अहम भूमिका रही है। हाल ही में भारतीय सेना के जांबाज डॉग केंट ने शहीद होकर देश की सेवा की। यह पहली बार नहीं है जब इंडियन आर्मी के किसी श्वान ने बलिदान देकर देश की सेवा की है। इसके पहले जूम डॉग शहीद हो चुका है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजौरी जिले के एक गांव में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया। इसके साथ ही भारतीय सेना का एक जांबाज डॉग केंट भी शहीद हो गया। मुठभेड़ में पुलिस अधिकारी समेत 3 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
मादा डॉग केंट हुई शहीद : मुठभेड़ के दौरान 6 साल की मादा डॉगी लैब्राडोर को गोली लग गई थी। एएनआई के मुताबिक जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी के नारला गांव में मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया। इस दौरान सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि एक एसपीओ समेत 3 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें 2 सेना के जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
कैसे दिया अभियान को अंजाम : सुरक्षा बलों ने सोमवार शाम को पटराडा इलाके के वनक्षेत्र में एक तलाशी व घेराबंदी अभियान शुरू किया था। इस दौरान दो लोगों की संदिग्ध गतिविधियां देखते हुए फायरिंग शुरू शुरू की गई थी। दोनों संदिग्ध अंधेरे और घने जंगलों का फायदा उठाकर वहां से भाग निकले।
अधिकारियों के मुताबिक फरार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बम्बेल और नारला सहित आसपास के इलाकों में घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
इस अभियान में 21 डॉग यूनिट की 6 वर्षीय भारतीय सेना डॉगी केंट (मादा लैब्राडोर) आगे थी और इसी मुठभेड़ में केंट शहीद हो गई। दरअसल, आतंकवादी भाग रहे थे। इसी दौरान केंट सैनिकों के एक समूह का नेतृत्व कर रहा थी। इसी दौरान हुई गोलीबारी में वह शहीद हो गई। केंट ने अपने हैंडलर की रक्षा करते हुए भारतीय सेना की सर्वोत्तम परंपराओं में अपना जीवन दे दिया।
पिछले साल जूम ने दिया था बलिदान : बता दें कि पिछले साल असॉल्ट डॉग ज़ूम ने भी देश के लिए अपना बलिदान दिया था। 9 अक्टूबर 2022 की रात सुरक्षाबलों को दक्षिण कश्मीर जिले के तंगपावा इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया था। लड़ाकू सिपाही जूम भी इस सर्च ऑपरेशन का हिस्सा था। ये सेना का हमलावर डॉग था। सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में जर्मन शेफर्ड ब्रीड का जूम घायल हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। जनवरी 2023 में डॉग ज़ूम को सम्मानित किया गया था। जूम को मेंशन इन डिस्पैच (मरणोपरांत) (Mention In Despatches) अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
Edited by navin rangiyal