वर्तमान दिल्ली-चंडीगढ़ रेलमार्ग में करीब 10 बड़े मोड़ हैं, जो 32 किलोमीटर के मार्ग में हैं। रेलवे के मुताबिक, दिल्ली-चंडीगढ़ सेमी-हाई स्पीड गलियारे में कई मोड़ों को सीधा करने के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और इसके बजाय रफ्तार धीमी करने को तरजीह दी जाएगी।
सेमी-हाई स्पीड परियोजना में शामिल रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले सेमी-हाई स्पीड मार्ग पर निर्बाध गति के लिए इन मोड़ों को सीधा करने की योजना थी, लेकिन इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता थी जिसमें समय लगता। ऐसे में रेलवे ने देरी से बचने के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं करने का निर्णय लिया।