नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अनुसार ट्रेनों की लेटलतीफी छह से आठ माह के अंदर काबू में आ जाने की संभावना है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि रेलवे के ट्रैक नवीकरण का काम का निश्चित लक्ष्य करीब 3000 किलोमीटर का है लेकिन विगत लंबे अरसे से केवल 1500 से 2000 किलोमीटर तक का नवीकरण हो पा रहा था।
इस प्रकार से यह काम 70 प्रतिशत पूरा हो जाएगा। इससे गाड़ियों की गति पर पाबंदी भी कम होंगी और गाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि समय का अधिकतम उपयोग करने के लिए ट्रैक के नवीकरण के साथ साथ चौकीदार रहित लेवल क्रॉसिंग को बंद करने एवं अंडरपास या ओवरब्रिज बनाने, विद्युत कर्षण लाइनों एवं सिगनलों के अनुरक्षण का काम भी एक ही वक्त में करने का फैसला किया है।
12 से 14 घंटे विलंब से चलने वाली गाड़ी के परिचालन को ठीक करने का उपाय आमतौर पर यह होता है लेकिन गर्मियों की छुट्टियों में महीनों पहले आरक्षण कराने वाले लोग विलंब से ही सही पर यात्रा करने को प्राथमिकता देते हैं। इसलिए गाड़ियों को रद्द करने की बजाय किसी भी दशा में चलाने पर जोर दिया जा रहा है। (वार्ता)