कंपनी ने कहा कि पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आईं, जहां दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों की मृत्यु हो गई और उनके रिश्तेदारों की अनुपस्थिति में दिल्ली-एनसीआर में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वित्तीय दिक्कतों के चलते मृतक के रिश्तेदार शव को अपने पैतृक गांव या नगर ले जाने में असमर्थ थे। (भाषा)