नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यामूर्ति बीआर गवई और न्यामूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने अभियुक्त इंद्राणी की याचिका स्वीकार की।
शीर्ष अदालत ने जमानत देते समय इंद्राणी के साढ़े छह साल से अधिक समय तक जेल में कैद रहने के तथ्य पर गौर किया। इंद्राणी के वकील मुकुल रोहतगी ने पिछली सुनवाई पर तर्क देते हुए कहा था कि मुकदमा पिछले करीब साढ़े 6 वर्षों से चल रहा है और शायद यह अगले 10 वर्षों में भी समाप्त नहीं होगा। अभी और भी कई गवाहों से पूछताछ की जानी है, जबकि संबंधित सीबीआई न्यायालय में कोई न्यायाधीश नहीं है।
उन्होंने अभियुक्त मुखर्जी के छह साल से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद रहने तथा अभियुक्त की बीमारी का भी जिक्र करते हुए जमानत देने की गुहार लगाई थी। मुख्य अभियुक्त ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष बयान दिया था कि जेल की एक कैदी ने उन्हें (इंद्राणी) बताया था कि उसकी कश्मीर में शीना से मुलाकात हुई थी।