मुंबई। कच्चे तेल के दाम बढ़ने का देश पर मुद्रास्फीतिक असर पड़ सकता है और इससे रिजर्व बैंक को अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। अगर विदेशी ब्रोकरेज एजेंसी का अनुमान सही साबित होता है तो आम आदमी पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ेगी और देश में हाहाकार मच जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया की ब्रोकरेज एजेंसी मेक्वेयरी ने कहा, 'हम अब रिजर्व बैंक की ओर से अनुमानित समय से पहले ही दर में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि 0.25 प्रतिशत की पहली वृद्धि अब अगस्त में ही होगी जबकि पहले हम 2019 की पहली तिमाही में इस तरह की वृद्धि का अनुमान लगाए हुए थे।'