हर तीन साल में होती है गणना : वर्ष 2006 से हर तीन साल में बाघों की गणना का सिलसिला शुरू हुआ था। तब गणना के बाद राज्य में न्यूनतम 236 और अधिकतम 364 बाघ होने का आंकड़ा सामने आया था, 2014 की गणना में न्यूनतम 264 और अधिकतम 362 बाघ होने का आंकड़ा सामने आया।
इस हिसाब से औसत 308 बताया गया। 2017 में सर्वे नहीं हुआ। 2018 में बाघ और अन्य जंगली जानवरों की गणना हुई, लेकिन इसके आंकड़े राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अब तक जारी नहीं किए हैं।