दिल्ली में आम आदमी को भी होगा 'राजसी' होने का अहसास

गुरुवार, 13 नवंबर 2014 (20:48 IST)
-अनुपमा जैन
 
नई दिल्ली। दिल्ली में ही रहकर शुक्रवार से 'राजस्थान दर्शन' हो सकेंगे। कल से यहां शुरू हो रहे 34वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में लगने वाले राजस्थान मंडप का मुख्य द्वार जयपुर के आमेर महल के गणेशपाल की प्रतिकृति का रखा गया है। मंडप के बाहर द्वार पर विशेष तौर पर प्रदर्शित इस बार दो राजस्थानी तोपें आम आदमी को 'राजसी' होने का अहसास दिलाती हुई उनका अभिनंदन करेगी।
उल्लेखनीय है कि जयपुर के जयगढ़ दुर्ग की तोप जग प्रसिद्ध है। इस प्रवेश द्वार पर जयपुर के सिटी पैलेस के मशहूर 'मयूर द्वार' की चित्रकारी की गई है। मंडप में खास तौर पर राज्य की मशहूर टोंक की कलात्मक 'सुनहरी कोठी' की झांकी भी है। राजस्थान स्थापत्य कला और विभिन्न रंगों एवं कांच की सुनहरी नक्काशी से सजी-धजी इस सुनहरी कोठी की नयनाभिराम झांकी को बनाने के लिए राजस्थान से विशेष रूप से कलाकार नई दिल्ली आए और उन्होंने सुनहरी कोठी को मूर्तरूप प्रदान किया। 
 
राजस्थान मंडप की नोडल एजेंसी राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम लि. के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रवि अग्रवाल के मार्गदर्शन में तैयार राजस्थान मंडप में विशेष रूप से बनाए गए 'शिल्प आंगन' में इस बार प्रदेश के विभिन्न भागों से विशेष रूप से आमंत्रित महिला उद्यमी एवं हस्तशिल्प कलाकार अपनी हुनर का जादू बिखेरेंगे। गौरतलब है कि इस बार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का विषय 'महिला उद्यमी' रखा गया है। 
 
अग्रवाल ने बताया कि मंडप में राजस्थानी लोक संगीत की लहरियों के बीच दाल-बाटी, चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी जैसे राजस्थानी व्यंजनों का लुत्फ लिया जा सकेगा। अग्रवाल ने बताया कि संगीत के आकर्षण के रूप में वीणा संगीत, जयपुर के स्टॉल को विशेष स्थान दिया गया है। राजस्थान मंडप राजस्थानी व्यंजनों एवं हस्तशिल्प वस्तुओं की भरमार रहेगी। मंडप में राजस्थान के पर्यटन स्थलों एवं पर्यटन उत्पादों पर केन्द्रित खूबसूरत झांकी का प्रदर्शन होगा। मंडप के ऊपरी भाग एवं पृष्ठभाग में राजस्थान के हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री के काउंटर हमेशा की तरह आकर्षण का केन्द्र बनेंगे।
 
मंडप निदेशक के अनुसार सज्जाकार रंजन खन्ना के निर्देशन में राजस्थान पैवेलियन को राजस्थानी कलाकारों ने नए रूप-रंग में सुसज्जित किया है। अग्रवाल ने बताया कि मंडप हर बार घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ विदेशियों में खासा लोकप्रिय रहता है। इस बार उन्हें उम्मीद है इसके खास आकर्षण दर्शकों को और ज्यादा आकर्षित करेंगे।
 
मुख्य द्वार के दोनों ओर व्यापार मेला की इस वर्ष की थीम 'महिला-उद्यमी' और राजस्थानी हस्तशिल्प के पैनल्स प्रदर्शित किए गए है। थीम एरिया में कोटा की विश्वप्रसिद्ध कोटा डोरियां साड़ियों को बनाने की कला का सजीव प्रदर्शन रहेगा। हथकरघा (लुम्स) पर राजस्थानी साड़ियों को बनाने का यह कार्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। साथ ही थीम एरिया में महिला विकास एवं अन्य विषयों पर सजीव एवं डमी के प्रदर्शन दिखाई देगें।
 
मंडप में आने वाले देशी-विदेशी व्यवसायियों के लिए एक 'बिजनेस सेंटर' की स्थापना भी की गई है, जिसमें राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड के साथ ही रीको, बीप, आरएफसी उद्योग विभाग आदि के प्रतिनिधि व्यावसायिक पूछताछ की जानकारियां प्रदान करेंगे।
 
आगामी 27 नवम्बर तक चलने वाले व्यापार मेला में प्रगति मैदान के हंस ध्वनि ओपन एयर थिएटर पर 20 नवम्बर को 'राजस्थान दिवस' मनाया जाएगा। (वीएनआई)

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