नई दिल्ली। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि उत्तरप्रदेश सहित 8 राज्य, 21 इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के माध्यम से अंतरराज्य व्यापार सुविधा दे रहे हैं।
वर्ष 2016 में शुरू किए गए ई-नाम कार्यक्रम के तहत आरंभ में एक राज्य के भीतर, पहले एक मंडी के भीतर और बाद में राज्य के अंदर ही एक मंडी से दूसरी मंडी के बीच कृषि जिंसों का कारोबार करने की अनुमति दी गई। इसके तहत 10 राज्य अपने राज्यों के भीतर एक मंडी से दूसरी मंडी के बीच व्यापार की सुविधा की पेशकश कर रहे हैं। अब ईएनएएम मंडियों के माध्यम से अंतरराज्यीय (एक राज्य से दूसरे राज्य की मंडी के साथ व्यापार) की सुविधाएं भी शुरू हो गई हैं।
अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि ई-नाम मंच के माध्यम से थोक मंडियों में कृषि उपज का अंतरराज्य व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। अंतरराज्यीय ई-नाम कारोबार के माध्यम से अब तक 136 लेन-देन हो चुके हैं। इस कम समय के भीतर सब्जी, दाल, अनाज, तिलहन, मसालों जैसी 14 वस्तुओं का व्यापार हुआ है।
सचिव ने कहा कि अंतरराज्यीय व्यापार का आकार भी बढ़ रहा है, क्योंकि किसानों और व्यापारियों का इस प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। ई-व्यापार सुविधा को प्रारंभ में 25 खाद्य जिंसों के साथ शुरू किया गया था। ई-एनएएम पोर्टल पर व्यापार योग्य मानकों के साथ 124 वस्तुओं पर ई-व्यापार की सुविधा प्रदान की गई है।
अग्रवाल ने कहा कि अभी ताजा लेन-देन मध्यप्रदेश मंदसौर ई-नाम मंडी में हुआ जिसमें राजस्थान की रामगंजमंडी को धनिया बेचा गया। इसी तरह महाराष्ट्र के अकोला ई-नाम मंडी में अंतरराज्यीय लेन-देन हुआ जिसने राजस्थान की नोखा मंडी को साबुत मूंग बेचा।
अग्रवाल ने कहा कि अब तक 8 राज्यों (उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश) की 21 ई-नाम मंडियों ने ई-नाम पर अंतरराज्य व्यापार शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के अलावा आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान, मध्यप्रदेश और राजस्थान की मंडियों के बीच भी अंतरराज्य व्यापार हुआ।
राजस्थान ई-नाम के माध्यम से गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ व्यापार संपर्क स्थापित करने वाला, एक से अधिक राज्यों के साथ अंतरराज्य व्यापार शुरू करने वाला पहला राज्य है। सचिव ने कहा कि लॉजिस्टिक प्रदाताओं का विवरण ई-नाम पोर्टल पर राज्य के बाहर के व्यापारियों को भी प्रदान किया जा रहा है, जो व्यापार के बाद वस्तुओं के परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगे। (भाषा)