Rakesh Tikait on farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका दिल्ली जाकर आंदोलन करने का अभी कोई इरादा नहीं है और न ही शंभू बॉर्डर पर जाकर बैठेंगे। पर साथ में उन्होंने कहा कि वह किसानों को उनके उत्पाद की एमएसपी दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं और इसलिए वह किसानों के साथ मेरठ कमिश्नरी यानी अपने घर प्रोटेस्ट करने आए हैं।
उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों की कॉल उनकी नहीं है, जिनकी कॉल है वह बैठे हुए हैं। इससे स्पष्ट हो गया है कि इस बार राकेश टिकैत को आंदोलनकारियों ने अलग-थलग कर दिया है या वह आंदोलन से दूर हो गए हैं।
राकेश टिकैत ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए कहा कि एसकेएम की मीटिंग में फैसले के बाद हम अगला एक्शन लेंगे। गौरतलब है कि देश भर में किसानों की कई यूनियनें हैं जिनमें एसकेएम भी हैं। पिछले किसान आंदोलन में एसकेएम की बड़ी भूमिका थी लेकिन वह अभी दिल्ली घेरने के फैसले में शामिल नहीं है।
सरकार को चेतावनी : भले ही टिकैत सीधे तौर पर शंभू बॉर्डर पर आंदोलन नही कर पा रहें है, लेकिन वह दिल्ली सरकार को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं कि दिल्ली उनसे दूर नही है, सरकार सुधर जाए। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि अभी हम बाहर से आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। सरकार शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है, हमारी लड़ाई पाकिस्तान से नही है, बल्कि दिल्ली सरकार के खिलाफ है।
आंदोलन से दूरी क्यों? : राकेश टिकैत से पूछा कि आंदोलन से दूरी क्यों? टिकैत बोले यह किसान आंदोलन शंभू बॉर्डर पर चल रहा है, वह पंजाब से नजदीक है, इसलिए वहां के किसान शंभू बार्डर पर डटे हैं। हमें इस आंदोलन के लिए कॉल नही मिली, अगर मिलेगी तो निर्णय लेंगे। मीडिया ने साफतौर पर पूछा कि कहा जा रहा है कि आपको शंभू बॉर्डर पर इसलिए नहीं बुलाया गया है कि आप सरकार की तरफ अपना रुख बदल लेते हैं? राकेश टिकैत ने कहा कि हम चाहते हैं कि बातचीत से हल निकल जाए। सरकार के पेरौल पर नहीं है भारतीय किसान यूनियन, जो सरकार की बात मानते हों। उन्होंने कहा कि हमने तो अपने ट्रैक्टरों को दुरुस्त रखा हुआ है। सरकार में शामिल होने की हमारी कोई मंशा नही है।
क्या है टिकैत का प्रस्ताव : 26 और 27 फरवरी को हाइवे पर ट्रैक्टर खड़े करके विरोध जताने की को बात पर टिकैत ने कहा कि हमने एसकेएम को प्रस्ताव भेजा है कि पूरे देश में ट्रैक्टरों को हाईवे पर खड़ा कर दिया जाए। अब 40 संगठनों की बैठक होनी है, उस बैठक में जो निर्णय होगा, उसके बाद आगामी रणनीति बनेगी, लेकिन यह आंदोलन बड़ा होने जा रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसके चलते भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दो जिलो की अगुवाई करते हुए मेरठ कमीश्नरी आए और ज्ञापन दिया। इस दौरान खुद ट्रैक्टर का स्टेरिंग संभाल रखा था। राष्ट्रीय लोकदल के 'वीटो' जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने पर टिकैत कुछ भी बोलने से बचते नजर आएं, हालांकि उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह को 10 साल पहले भारत रत्न मिल जाना चाहिए था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala