क्या डिप्टी सीएम बनकर खुश नहीं हैं फडणवीस?

शुक्रवार, 1 जुलाई 2022 (07:35 IST)
पुणे। एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनकर वरिष्ठ भाजपा नेता और 2 बार मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस खुश नहीं है। यह दावा NCP के प्रमुख शरद पवार ने किया। पवार ने कहा कि मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है। उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया। शिंदे सरकार को शनिवार को विधानसभा में बहुमत हासिल करना होगा। 
 
राकांपा प्रमुख ने कहा कि फडणवीस नागपुर से हैं और उन्होंने एक 'स्वयंसेवक' के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है। फडणवीस ने इस 'संस्कार' के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा।
 
पवार ने भाजपा सरकार के तहत केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की और दावा किया कि उन्हें 2004, 2009 और 2014 में अपने चुनावी हलफनामों के संबंध में आयकर विभाग से प्रेम पत्र प्राप्त हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे।
 
पवार ने कहा कि हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे लगता है कि शिंदे को खुद कोई जानकारी नहीं थी। दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि हालांकि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
 
पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के इस दावे को भी खारिज किया कि राकांपा और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठजोड़ उनके विद्रोह का प्राथमिक कारण था। उन्होंने कहा कि यह आरोप निराधार है। इसका राकांपा और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। लोगों को (बहाने के रूप में) कुछ बताना होगा, इसलिए राकांपा और कांग्रेस को दोषी ठहराया जा रहा है। राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने शिंदे से भी बात की और उन्हें बधाई दी।
 
उल्लेखनीय है कि उद्धव ठाकरे के बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना के बागी नेता शिंदे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने पहले कहा कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन बाद में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

फडणवीस ने इस बारे में एक ट्वीट करके अपना पक्ष रखने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है, 'एक ईमानदार कार्यकर्ता होने के नाते मैं पार्टी के आदेशों का पालन करता हूं। मैं उस पार्टी के आदेशों से ऊपर नहीं हूं जिसने मुझे सर्वोच्च स्थान दिया।'

प्रामाणिक कार्यकर्ता के नाते पार्टी के आदेश का मैं पालन करता हूँ. जिस पार्टी ने मुझे सर्वोच्च पद तक पहुँचाया, उसका आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है.

एक प्रामाणिक कार्यकर्ता म्हणून पक्षाच्या आदेशाचे मी पालन करतो. ज्या पक्षाने मला सर्वोच्च पद दिले, त्या पक्षाचा आदेश मला शिरोधार्य आहे. https://t.co/uBp4yBsU5D

— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 30, 2022
 
(इनपुट भाषा)

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