यही कारण है कि आतंकी गुटों ने अब हालात बिगाड़ने के लिए अल्पसंख्यकों और धर्मस्थलों को निशाना बनाने की साजिश भी रची है। साथ ही आईएसआई आतंकी गुटों पर जम्मू संभाग में हमला करने का दबाव बना रही है। खासतौर पर जम्मू के चार जिलों में खूनखराबा करने के लिए साजिश की जा रही है। इसके लिए कंडी इलाकों में खड़ी मक्की की फसल और बॉर्डर पर लगी धान की फसल की आड़ में आतंकियों को घुसपैठ करने के लिए कहा गया है। वहीं घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी स्थानीय मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की फिराक में भी हैं। आतंकियों और उनकी संरक्षक आईएसआई के इस मंसूबे को भांपकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। इसके आधार पर प्रशासन ने अल्पसंख्यक बस्तियों और धर्मस्थलों की सुरक्षा का आकलन कर इसे और बेहतर बनाना शुरू कर दिया है। लोगों को भड़काने के लिए आतंकी गुट व आईएसआई अब सोशल मीडिया और ओवरग्राउंड नेटवर्क का सहारा ले रहे हैं।
दूसरी ओर, इस समय राजौरी और पुंछ जिले में मक्की की फसल लगी हुई है। एलओसी के पास भी बड़े स्तर पर मक्की की फसल लगाई जाती है। ऐसे में आतंकियों के लिए घुसपैठ करना और मक्की की आड़ में घुसपैठ के बाद आगे बढ़ जाना आसान हो जाता है। इसे देखते हुए सेना की ओर से सतर्कता बढ़ाई गई है। साथ ही लोगों से यह भी कहा गया है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें। पुख्ता सूचना होने पर ही सूचित करें। क्योंकि मक्की की आड़ में कुछ शरारती तत्व सक्रिय हो जाते हैं, जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। सेना के प्रवक्ता का कहना है कि मक्की में सर्च करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि इसकी ऊंचाई काफी होती है, लेकिन सेना पूरी तरह से सतर्क है।
इस समय सांबा, कठुआ और आरएस पुरा की तरफ धान की फसल लगाई जा रही है। कुछ जगहों पर धान की फसल काफी बढ़ी हुई है। इसकी आढ़ में घुसपैठ करना आतंकियों के लिए आसान होता है। आतंकी इस समय टनल बनाकर घुसपैठ करने की कोशिश भी करते हैं। बीएसएफ की ओर से बॉर्डर पर अपने एंटी टनल दस्ते को अलर्ट किया गया है। साथ ही अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है। अधिकारी कहते हैं कि यह सब कुछ बड़ा करने के इरादों से ही रचा जा रहा है।