चांद की आखिरी कक्षा में चंद्रयान-3, जानिए चंद्रमा से कितनी दूर है इसरो का यान

Webdunia
बुधवार, 16 अगस्त 2023 (10:28 IST)
Chandrayaan : चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी की। यान अब चंद्रमा की 153 Km X 163 Km की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया।
 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि इसके साथ ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा तक पहुंचने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब यह प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी करेगा।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, 'आज की सफल प्रक्रिया संक्षिप्त अवधि के लिए आवश्यक थी। इसके तहत चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका हमने अनुमान किया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर को अलग होने के लिए तैयार हैं।’

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Chandrayaan-3 Mission:

Today’s successful firing, needed for a short duration, has put Chandrayaan-3 into an orbit of 153 km x 163 km, as intended.

With this, the lunar bound maneuvres are completed.

It’s time for preparations as the Propulsion Module and the Lander Module… pic.twitter.com/0Iwi8GrgVR

— ISRO (@isro) August 16, 2023 >इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने सुबह करीब 08:30 बजे यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किए। इससे पहले चंद्रयान 150 Km x 177 Km की ऑर्बिट में था। 153 Km X 163 Km की ऑर्बिट का मतलब है कि चंद्रयान ऐसी कक्षा में घूम रहा है जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 Km और सबसे ज्यादा दूरी 163 किलोमीटर है।
 
अब 17 अगस्त चंद्रयान के लिए काफी अहम दिन है। इस दिन इसरो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा।
 
23 अगस्त को चंद्रयान में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। लैंडर और रोवर चांद पर पानी की खोज करेंगे।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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