पीएसएलवी का भारत के दो महत्वपूर्ण मिशनों 2008 में ‘चंद्रयान’ और 2013 में मंगल ऑर्बिटर में इस्तेमाल किया गया था। यह जून 2017 तक 39 लगातार सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो का सबसे भरोसेमंद और बहुउपयोगी प्रक्षेपण यान है। इस मिशन में इसरो के वैज्ञानिक 3 अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों और पेलोड को स्थापित करेंगे, जो एजेंसी के लिए पहली बार होगा।
अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन का एक, स्विट्जरलैंड का एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल हैं। इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है। फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था।