एमिसैट का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया जा रहा है। दुश्मन पर नजर रखने के लिए एमिसैट की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसरो के मुताबिक रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्ष में स्थापित करेगा। एमिसैट का मकसद सीमा पर दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत पर नजर रखना है।