भारत में अंतरिक्ष में जाने के लिए टिकट का मूल्य ग्लोबल मार्केट में 'कॉम्पिटेटिव प्राइस' के आधार पर तय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रति टिकट का मूल्य लगभग 6 करोड़ रुपए के आसपास होगा, जो कि मार्केट में दूसरे प्रतियोगियों द्वारा चार्ज किए जा रहे मूल्य के बराबर है।
ISRO द्वारा शेयर की गई प्रेसेंटेशन में बताया गया है कि स्पेस एजेंसी पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए 'नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) विकसित करना चाहती है। इस लॉन्च व्हीकल का उपयोग कई कम्यूनिकेशन सैटेलाइट्स, गहरे स्पेस मिशन, भविष्य में होने वाले ह्युमन स्पेसफ्लाइट मिशंस, कार्गो मिशंस और पृथ्वी के ऑर्बिट में सैटेलाइट कोंस्टिलेशंस भेजने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एटोमिक, एनर्जी और स्पेस के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने फरवरी में राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि ISRO ने 'गगनयान' स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसरो ह्युमन फ्लाइट क्षमता को Low Earth Orbit (LEO) में टेस्ट कर रहा है।