पिछले चार दिनों से चेन्नई के मरीना बीच पर लाखों लोग युवक और छात्र इस खेल को पुन: शुरू किए जाने के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे और विभिन्न मजदूर संगठनों तथा यूनियनों की शुक्रवार को तड़के से शाम तक हड़ताल से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। इस हड़ताल को कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी हासिल था।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने सुबह ही इस बात के संकेत दिए थे कि इस संबंध में एक अध्यादेश लाया जा रहा है। उन्होंने कहा था, 'हम तमिलनाडु के सांस्कृतिक मूल्यों और लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। उम्मीद है कि जल्द से जल्द इसका कोई समाधान निकल जाएगा।' इससे पहले अन्नाद्रमुक के कई सांसदों ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर जल्लीकट्टू को अनुमति देने के लिए अध्यादेश लाने का आग्रह किया था।
इस मामले पर शुक्रवार को केन्द्र सरकार के आग्रह पर उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्टू के संबंध में अपना आदेश एक सप्ताह के लिए टाल दिया। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा से आग्रह किया कि केन्द्र और राज्य सरकार इस मुद्दे का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं जिसे देखते हुए फैसला एक सप्ताह तक टाल दिया जाना चाहिए। (वार्ता)